Wednesday, April 27, 2011

साभार

यूरोप का विज्ञान ज्ञान-2
गेलीलियो के पहले सारे यूरोप में मान्यता थी कि भारी वजन वाली वस्तु हलकी वजन वाली वस्तु से अधिक वेग से गिरेगी, क्योंकि अरस्तु ने कहा था कि एक पौंड तथा दस पौंड का पत्थर यदि उपर से फेंका जाये तो दस पौंड का पत्थर दस गुना वेग से निचे गिरेगा !गैलिलियो ने इस मान्यता को चुनौती दी और कहा वस्तु चाहे एक पौंड कि हो या दस पौंड की वायु का प्रतिरोध यदि छोड़ दिया जाय तो दोनों एक साथ जमीन पर गिरेंगी ! जैसे ही गलीलियो ने इस मान्यता का प्रतिपादन किया, सारा शहर उस पर टूट पड़ा ! लोगों ने उससे पूछना शुरू किया- तुम अरस्तु से अधिक समझदार समझते हो अपने आपको ? इस पर गेलीलियो ने कहा, जो मैंने कहा वह करके बता सकता हूँ ! इसे सुन सब लोगों में आश्चर्य और उत्सुकता जगी और जिस दिन गेलीलियो अपनी बात को प्रयोग द्वारा सिद्ध करने वाला था, उस दिन पिसा की प्रसिद्द मीनार के पास सारा नगर उमड़ पड़ा ! गेलीलियो मीनार पर चढ़ा, सारे लोग साँस रोके उपर देखने लगे ! इसी समय गेलीलियो ने एक और दस पौंड वजन के दोनों पत्थर एक साथ छोड़े और आश्चर्य चकित लोगों ने देखा, दोनों पत्थर एक साथ जमीन पर गिरे ! प्रत्यक्ष अपनी आँखों से यह यह प्रयोग देखने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया थी, गेलीलियो जरुर काला जादू जानता है, अन्यथा अरस्तु कभी गलत हो ही नहीं सकते हैं ! यह घटना बताती है की आज से ४५० वर्ष पूर्व यूरोप में विज्ञान के बारे में मानसिकता कैसी थी ?
क्रमशः जारी.......

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